दर्द अपनाता है पराये कौन
दर्द अपनाता है पराये कौन
कौन सुनता है और सुनाये कौन
कौन दोहराये वो पुरानी बात
ग़म अभी सोया है जगाये कौन
वो जो अपने है क्या वो अपने है
कौन दुख झेले आज़माये कौन
अब सुकूं है तो भूलने में है
लेकीन उस शख़्स को भुलाये कौन
आज फिर दिल है कुछ उदास उदास
देखिये आज याद आये कौन
जावेद अख़्तर.
कौन सुनता है और सुनाये कौन
कौन दोहराये वो पुरानी बात
ग़म अभी सोया है जगाये कौन
वो जो अपने है क्या वो अपने है
कौन दुख झेले आज़माये कौन
अब सुकूं है तो भूलने में है
लेकीन उस शख़्स को भुलाये कौन
आज फिर दिल है कुछ उदास उदास
देखिये आज याद आये कौन
जावेद अख़्तर.
Comments