Gazal मैं वो मक्तूल, जो कातिल ना बना

राक्षस था, न खुदा था पहले
आदमी कितना बडा था पहले

आस्मां, खेत, समुंदर सब लाल
खून कागज पे उगा था पहले

मैं वो मक्तूल, जो कातिल ना बना
हाथ मेरा भी उठा था पहले

अब किसी से भी शिकायत न रही
जाने किस किस से गिला था पहले

शहर तो बाद में वीरान हुआ
मेरा घर खाक हुआ था पहले

Gazal by निदा फ़ाज़ली.

Comments

Popular posts from this blog

"MISSILE MAN" ko bachho ka khat

BLOGGER HELP IN HINDI