Gazal मैनें कुछ तुमसे कहा हो तो जबां जल जाये
कितनी पलकों की नमी मांगके लाई होगी
प्यास तब फूल की शबनम ने बुझाई होगी
इक सितारा जो गिरा टूंट के उंचाई से
किसी जर्रे की हंसी उसने उडाई होगी
आंधिया हैं के मचलती है,चली आती है
किसी मुफ़लीस ने कही शम्मा जलाई होगी
मैनें कुछ तुमसे कहा हो तो जबां जल जाये
किसी दुश्मन ने ये अफ़वाह उडाई होगी
हम तो आहट के भरोसे पे सहर तक पहुंचे
रातभर आपको भी नींद ना आई होगी
Gazal by unknown
प्यास तब फूल की शबनम ने बुझाई होगी
इक सितारा जो गिरा टूंट के उंचाई से
किसी जर्रे की हंसी उसने उडाई होगी
आंधिया हैं के मचलती है,चली आती है
किसी मुफ़लीस ने कही शम्मा जलाई होगी
मैनें कुछ तुमसे कहा हो तो जबां जल जाये
किसी दुश्मन ने ये अफ़वाह उडाई होगी
हम तो आहट के भरोसे पे सहर तक पहुंचे
रातभर आपको भी नींद ना आई होगी
Gazal by unknown
Comments